Jaunpur
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सिद्धिकपुर लुंबिनी दुद्धी मार्ग के समीप शुक्रवार दोपहर एक मेडिकल कॉलेज में अध्यनरत 20 वर्षीय पैरामेडिकल छात्र की कार के टक्कर से इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की घटना से आक्रोशित मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने 2 घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। उप जिलाधिकारी के आश्वासन पर छात्रों ने धरना को समाप्त किया।
जफरपुर गांव के निवासी विजय बहादुर यादव पेशे सफाई कर्मचारी के रूप कार्यरत है। विजय बहादुर के दो पुत्र व एक पुत्री हैं छोटा पुत्र दीपचंद यादव सिद्धिकपुर स्थित राज्य चिकित्सा महाविद्यालय उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल ओटी प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में अध्यनरत था। रोज की तरह शुक्रवार को भी वह मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन के कार्य के उद्देश्य से आया हुआ था दोपहर करीब 12 बजे जब वह पठन-पाठन करके घर के लिए मोटरसाइकिल से निकल रहा था कि सिद्धिकपुर स्थित एक होटल के समीप जौनपुर के तरफ से आ रही एक कार से टकरा गया। और गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की जानकारी होते ही आनन फानन में परिजनों ने इलाज के लिए घायल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए घायल युवक को इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया जहां देर रात करीब 11 बजे चिकित्सकों ने इलाज के दौरान युवक को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया उधर शनिवार सुबह मौत की घटना से मेडिकल कॉलेज के छात्रों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया गुस्साए छात्रों ने सुबह करीब 9 बजे सिद्धिकपुर स्थित मेडिकल कॉलेज के पास पहुंचकर लुंबिनी दुद्धी मार्ग पर चक्का जाम कर दिया, घटना की जानकारी होते ही थाना प्रभारी विनय प्रकाश सिंह ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझने का प्रयास किया लेकिन छात्र स्थाई रूप से स्पीड ब्रेकर,सीसीटीवी कैमरा,नो पार्किंग जोन, सांकेतिक चिन्ह समेत अन्य मांगों को लेकर करीब 2 घंटे तक सड़क पर डटे रहे। प्रदर्शन के दौरान उप जिला अधिकारी के आश्वासन पर छात्रों ने धरना को समाप्त कर दिया।
प्रदर्शन कर रहे मेडिकल कॉलेज के छात्रों का आरोप था की घटना के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रशासन को जानकारी दी गई की मेडिकल कॉलेज में अध्यनरत एक छात्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही करते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई अगर समय रहते मेडिकल कॉलेज प्रशासन एंबुलेंस व इमरजेंसी सुविधा मुहैया करा देता तो शायद छात्र की जान बच जाती है घटना को लेकर मुख्य चिकित्सका अधीक्षक एए जाफरी ने बताया कि घटना के दौरान प्रशासन को देर से सूचना मिली थी जिसकी वजह से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा सका।