जौनपुर। सिद्धिकपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में अध्ययन के लिए पहली बार किसी व्यक्ति का शरीर प्राप्त हुआ है। देहदान अभियान के प्रमुख मनोज सेंगर और माधवी सेंगर ने कानपुर से पार्थिव देह लाकर मेडिकल कॉलेज को समर्पित कर अपना वादा पूरा किया। यह वही वादा था जो उन्होंने 18 नवंबर को की गई पत्रकार वार्ता में प्राचार्य आर. बी. कमल से किया था। जे ब्लॉक गोविंद नगर कानपुर के 70 वर्षीय कारोबारी संतोष सिंह कुशवाहा ने वर्ष 2010 में देहदान का संकल्प लिया था। 24 नवंबर की रात हृदयरोग संस्थान में उनका निधन हो गया। उनके पुत्र आकाश सिंह ने मनोज सेंगर को फोन कर पिता के संकल्प को पूरा कराने का आग्रह किया। इसके बाद सेंगर दंपति ने सभी जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी की और सुबह साढ़े नौ बजे कानपुर से देह लेकर जौनपुर के लिए रवाना हुए। शाम चार बजे पार्थिव देह मेडिकल कॉलेज पहुंचाई गई।
मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी विभाग की डॉ. भारती यादव, पूर्व प्राचार्या डॉ. रुचिरा सेठी, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. प्रियंका सिंह और छात्रों की उपस्थिति में पार्थिव देह को पुष्पांजलि अर्पित कर सम्मानपूर्वक स्वीकार किया गया। मनोज सेंगर ने बताया कि प्राचार्य आर. बी. कमल के प्रयासों से कॉलेज को यह पहला शरीर अध्ययन हेतु प्राप्त हो सका है।
युग दधीचि देहदान अभियान के तहत यह 309वीं देह है। कानपुर से विदाई के समय दिवंगत संतोष सिंह की पत्नी कमलादेवी, पुत्र आकाश, पुत्रवधू निधि और पुत्रियों गुंजन व रुचि सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पार्थिव देह की आरती कर अंतिम विदाई दी।
मनोज सेंगर ने कहा कि संतोष सिंह ने वर्ष 2010 में उत्साह के साथ देहदान का संकल्प लिया था। आज उनका संकल्प और प्राचार्य को दिया गया वादा पूरा हुआ, जिससे उन्हें संतोष और आत्मशांति मिली है।


