जौनपुर। जिले में एक नशेड़ी पति ने करीब डेढ़ वर्ष पहले अपनी ही पत्नी को 2.20 लाख रुपये में बेच दिया था और अब 4 फरवरी 2025 को खरीदार के चंगुल से बचकर निकली पीड़िता जब थाने पहुंची तो थाने पर सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई न होने पर पिड़िता ने कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट ने मामले को संग्यान लिया और कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन नामजद समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
उक्त के संबंध में महराजगंज थाना प्रभारी अमित पांडेय द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति की शोभावती (34) ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उसकी शादी करीब 15 साल पहले सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के खानपुर निवासी राजेश के साथ हुई थी। उसके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। शादी के बाद पति नशे का बहुत लती हो गया साथ ही साथ उसने किसी दूसरी महिला से भी संबंध बना रखा था।
पीड़िता ने बताया कि 4 फरवरी सन 2025 को पति द्वारा बेचे गए खरीदारों के चंगुल से वह भागी और हैवानों के चंगुल से मुक्त हुई, पीड़ित महिला का आरोप है कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व राशन कार्ड बनवाने के बहाने उसका पति राजेश उसे बदलापुर थाना क्षेत्र के अशोक कुमार के यहां ले गया फिर उसे वही उनके हाथों 2.20 लाख रुपये में बेच दिया। इस बात का विरोध करने पर अशोक कुमार और उसके साथियों ने असलहे के बल पर धमाकाया और वहीं पीड़ित को बंधक बनाकर रखा।
इस मामले में कुछ समय बाद शोभावती का भाई गुड्डू एक दिन ससुराल पहुंचा तो पिड़िता का पति राजेश ने कह दिया कि उसकी बहन बच्चों के साथ कहीं भाग गई। इस बात गुड्डू को विश्वास नहीं हुआ और शंका होने पर गुड्डू थाने गया, लेकिन उसकी थाने पर सुनवाई नहीं हुई।
मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम शिल्पी की अदालत में पहुंचा तो न्यायाधीश ने संग्यान लिया और तत्काल प्रभाव से पिड़िता के पति राजेश, खरीदार अशोक, मुंशी हरिजन और एक अज्ञात के खिलाफ बेचने, मारपीट, चोट पहुंचाने, षड्यंत्र रचने, धमकी देने समेत आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज करने को आदेश थाना प्रभारी को दिया गया।
इस मामले में एएसपी ग्रामीण आतिष सिंह द्वारा बताया गया कि जिस समय थाने पर पिड़ित पक्ष गए थे उस समय थाना प्रभारी कोई और था। न्यायालय के आदेशानुसार मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में जांच कराया जा रहा है, दोषियों को सख्त सजा के साथ ही इसमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे उसने खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी।