इस टिप्पणी के विरोध में सोमवार को जौनपुर की शिया आबाम ने एकजुट होकर कोतवाली जौनपुर में कोतवाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि ऐसे भड़काऊ और असत्य समाचार चलाने वाले चैनलों पर तत्काल प्रभाव से मुकदमा दर्ज किया जाए। शिया समुदाय के लोगों का कहना है कि धार्मिक नेतृत्व और आस्था से जुड़े मुद्दों पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न केवल निंदनीय हैबल्कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला भी है।
ज्ञापन सौंपने वालों में तहसीन शाहिद, हसन जाहिद खान बाबू, शोएब ज़ैदी, नसीम ज़ैदी, पत्रकार आबिश इमाम सनी, अनम हसन, एडवोकेट इमरान ज़ैदी, एडवोकेट यासिर इमाम, आदिल ज़ैदी काविश, शारिक खान, सैयद मोहम्मद रज़ा, शाकिर ज़ैदी, मीसम, अली प्रिंस समेत कई गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
कोतवाली प्रभारी ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस घटनाक्रम को लेकर शिया समाज ने साफ किया कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
यह मामला अब न केवल धार्मिक भावनाओं का है बल्कि मीडिया की जिम्मेदारी और मर्यादा पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जौनपुर की शिया आवाम इस मामले को लेकर एकजुट है और आने वाले समय में इसे लेकर और भी आवाज़ें बुलंद हो सकती हैं।