👉पुलिस व्यवस्था रही चुस्त-दुरूस्त, उमड़ा आस्था का सैलाब
जौनपुर। जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। भक्त सुबह से लेकर देर शाम तक जलाभिषेक के लिए कतारबद्ध रहे। सुजानगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के भिखारीपुर कला स्थित श्री सर्वेश्वर नाथ मुक्तिधाम में श्रावण मास के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और हर हर महादेव के जयकारों से पूरा मंदिर गुंजायमान हो उठा। इस मंदिर का इतिहास बेहद रोचक है। बाबा श्री श्री 1008 सियाराम दास जी महाराज ने 21 वर्षों तक कठोर तपस्या की।
इस दौरान उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर दिया। 1951 में उन्होंने इस मंदिर का निर्माण किया। तब से यह स्थान श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। क्षेत्र के श्री गौरीशंकर मंदिर पर सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। सुबह भोर से ही श्रद्धालु भगवान शिव को जल, दूध, धतूरा, पुष्प, अक्षत आदि चढ़ाने में लगे रहे। भारी भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं को अलग अलग कतारों में खड़ा कर दर्शन कराया जा रहा। मंदिर के सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि श्रद्धालुओं को अलग अलग कतारों में खड़ा कर दर्शन कराया जा रहा है। नौपैड़वां प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय थाना क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक सारनाथ महादेव मंदिर में सावन माह के पहले सोमवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। भोर 4 बजे से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में भारी पुलिस बल तैनात हैं। मंदिर परिसर तक आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीओ सदर परमानन्द कुशवाहा मंदिर पहुंच मेले और आने वाले श्रद्धालुओं का जायजा लिया। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैबंद रहा। श्रद्धालुओ को कतार बंद दर्शन पूजन कराया जा रहा है। थानाध्यक्ष विक्रम लक्ष्मण सिंह भारी पुलिस बल के साथ मेले में लगातार भ्रमण करते रहे। केराकत प्रतिनिधि के अनुसार सावन मास के पहले सोमवार को गोमतेश्वर महादेव मंदिर, केराकत में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 4 बजे से ही दूर-दराज के गाँवों से भक्तगण मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंचने लगे। मंदिर परिसर “बोल बम” के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। स्थानीय पुलिस बल के साथ ही स्वयंसेवकों को भी भीड़ नियंत्रण के लिए तैनात किया गया। मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई। ग्रामवासी और पुजारियों के अनुसार, सावन के पहले सोमवार को करीब 10000 से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। महिलाओं और युवाओं की संख्या भी उल्लेखनीय रही। भक्तों ने गोमती नदी से जल भरकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया।