जौनपुर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, जौनपुर में राष्ट्रीय उत्साह और देशभक्ति से ओत-प्रोत वातावरण में भव्य समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉ.) रुचिरा सेठी द्वारा ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों ने देशभक्ति और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मंच पर देशभक्ति गीत, लोक नृत्य, कवितापाठ, नाटक एवं लघु नाटिकाओं, रचनात्मकता से सजे इन कार्यक्रमों ने उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में “वंदे मातरम्”, “सारे जहाँ से अच्छा” जैसे समूहगान, स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित नाटक, और विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों ने भारत की सांस्कृतिक एकता का सुंदर संदेश दिया। छात्रों की ऊर्जा, प्रस्तुति और उत्साह ने समारोह को जीवंत बना दिया।
अपने संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) रुचिरा सेठी ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह दिन केवल उत्सव नहीं, बल्कि देश के प्रति हमारे कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने छात्रों की प्रतिभा और देशभक्ति की भावना की सराहना की।
महाविद्यालय के इतिहास में एक अद्वितीय और प्रेरणादायक पहल करते हुए श्री महेंद्र मौर्य पुत्र श्री काशीनाथ, ग्राम- परसानी, पोस्ट- सिद्धिकपुर, जिला- जौनपुर उत्तर प्रदेश के निवासी ने अपने देहदान का संकल्प लिया है।* यह महाविद्यालय के लिए पहला देहदान है, जो न केवल चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देगा, बल्कि समाज में मानवता, सेवा और परोपकार का संदेश भी प्रसारित करेगा। प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉ.) रुचिरा सेठी ने श्री महेंद्र मौर्य के इस महान संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि देहदान एक ऐसा कार्य है जो आने वाली पीढ़ियों के डॉक्टरों को शिक्षा और प्रशिक्षण में अमूल्य सहयोग प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि श्री मौर्य का यह निर्णय चिकित्सा विज्ञान के विकास और मानव सेवा की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य द्वारा श्री महेंद्र मौर्य को प्रशस्ति पत्र एवं विशेषाधिकार कार्ड भेंट कर औपचारिक रूप से सम्मानित किया गया। *विशेषाधिकार कार्ड का लाभ* मेडिकल कॉलेज में मिलने वाली चिकित्सा सुविधा में इनको प्राथमिकता दी जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य, चिकित्सक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और सभी ने इस प्रेरणादायक पहल के लिए श्री मौर्य का अभिनंदन किया।
अपने संबोधन में श्री महेंद्र मौर्य ने कहा कि उनका उद्देश्य समाज और चिकित्सा शिक्षा में योगदान देना है, ताकि उनके जाने के बाद भी उनका शरीर दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने और चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने में सहायक हो सके।*
कार्यक्रम में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, चिकित्सक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।