जौनपुर। डा. लालता प्रसाद सिंह में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे। कठिन से कठिन विषय को भी वे अत्यंत सरल शब्दों में समझा देते थे। उक्त उद्गार तिलकधारी महाविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक स्व. लालता प्रसाद सिंह की पुण्यतिथि पर एक होटल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डा ० आर एन ० त्रिपाठी ने व्यक्त किया। डा राम कृष्ण तिपाटी ने कहा वंशी तो जल गयी राख में लेकिन उसका गीत शेष है पंक्तियों के माध्यम से स्व. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व ए आई जी त्रिवेणी सिंह ने उन्हें श्रीराम चरित मानस का गहन अध्येता बताया तो पूर्व प्रधानाचार्य डा. सुभाष सिंह ने समाज को स्व. लालता प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने उनके सहज सरल और उदारता से संबंधित अनेक संस्मरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आरंभ आशीष पाठक अमृत ने देवी गीत से किया। अध्यक्ष पं. रामकृष्ण त्रिपाठी संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर तथा आभार ज्ञापन राममोहन सिंह ने किया। उक्त अवसर पर फूलचन्द्र भारती, पूर्व प्राचार्य समरबहादुर सिंह, रामदयाल द्विवेदी, डॉक्टर आर एन त्रिपाठी पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह, इन्द्रभुवन सिंह, डा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह इन्दू सिंह मदारपुर गाँव के सभी लोग,डा लालूजी डा लाल बहादुर डा पी पी दूबे अखिलानन्द डा विनोद डा जे पी सिंह एस के सिंह चौकियां के मुख्य पंडा विवेकानन्द अखिलानन्द पाण्डेय अनिल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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जेड हुसैन (बाबू)
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