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Jaunpur/ Mumbai भारतीय सिनेमा : अभिनय के खान इरफान खान...

 हे अज़ीज़ ! आपको आत्मा-भर प्यार ❤️ 

"जातस्य हि ध्रुवं मृत्युः ध्रुवं जन्म मृतस्य च"

Jaunpur/Mumbai : आपसे मेरा परिचय 'भारत एक खोज' से हुआ था, फ़िर आपको चाणक्य में देखा, फ़िर चंद्रकांता का पंडित बद्रीनाथ जो इन दिनों ज्यादा ही ताजा है ज़ेहन में। लेकिन उस वक्त मैं आपको नाम से नहीं जानता था। शेक्सपियर ने बहुत पहले ही लिखा है "नाम में क्या रखा है!" 

हच का विज्ञापन हो, गुलजार का धारावाहिक हो जिसमें आप ओमपुरी के साथ अद्भुत अभिनय का कौशल दिखाते हैं। फ़िर टीवी पर आती आपकी झलकियां देखता रहा।

 लेकिन सच्चे अर्थों में पहली बार आपके बारे में जाना, एक अखबार के फुल पेज जीवनी लेखन से। उसका टाइटल था 'खानों के खान, इरफान खान' वह अलंकार आज तक मेरे दिल में तरोताजा है, और पूरी उम्र रहेगा। क्योंकि आप असल मायने में 'खान' ही हैं।

उन्हीं दिनों आपकी एक फिल्म आई थी, 'बिल्लू' इस फ़िल्म का एक गाना जो शाहरुख खान पर फ़िल्माया गया था, वह बहुत ही लोकप्रिय हो रहा था। शाहरुख की रंग-बिरंगी पोशाक भी चहेती बन गई थी, और कौतूहल का विषय बन सा गया था। किंतु जब वह फ़िल्म हम लोगों ने देखी तो तृप्ति हुई। उसकी सीडी जुगाड़ी गई, भाड़े पर बैटरी लाई गई, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी में जोड़ी गई और बैठकर पूरी फ़िल्म देखी गई।

 यक़ीन मानिए, पूरा वाक्य पल-पल उसी तरीके से सजीव है, आंखों के सामने चल रहा है। जो अभिनय कुशलता, दक्षता, आवाज की उतार-चढ़ाव और आपकी बुनावट, आपका साइकिल चलाना, आपका बोलना, आपका बाल काटना, आपका हकलाना, आपका बच्चों से प्रेम इस दृश्य-जीवन में अभिव्यक्त होता है, वह मील का पत्थर है, अमिट है, प्रिय है। इस फिल्म की पूरी कसावट पूरी रंगों-साज एक ही से शुरू होती है और एक ही पर संपन्न हो जाती है और वह हैं, 'इरफान खान' 

फ़िर तो सिलसिला चल पड़ा और जब सुविधा एकत्व के साथ हाथ में आई तो विश्व भरके सिनेमा को खंगाल डाला और आपको तो पूरे होशो हवास में एक-एक कर देखा गया। हॉलीवुड सिनेमा में जब आपको देखता तो आपका नाम खोजता, कि आपका नाम कब आता है! टॉम हैंक्स के साथ आपको देखकर दिल खुशी से झूम उठता और अपने आसपास के लोगों से कहता कि देखिए "यह इरफ़ान खान हैं।" और वह मेरे इस मासूमियत पर हंस पड़ते। 

आप जिन विश्व सिनेमा का हिस्सा बनें, उनमें भी आपने काबिले तारीफ अभिनय किया और आपका चरित्र उम्दा ही रचा गया था। सच तो यह है कि आपने महत्वहीन किरदारों से शुरुआत की, और अब आपके लिए उत्तम किरदार गढ़े जाने लगे थे। 

इन्फर्नों में आपके अभिनय कुशलता की जमकर तारीफ़ हुई। टॉम हैंक्स ने आपकी खुले दिल से तारीफ़ की और आपके जैसा बनने की इच्छा व्यक्त की। वो महान अभिनेता आपको "coolest guy" कहता रहा।

 Life of Pi में आप ने केंद्रीय भूमिका निभाई। आंग ली ने कहा भी था कि "इरफान से बेहतर मुझे कोई नहीं मिलता" और सच भी यही था। वह अंत का दृश्य जहां आप जीवन का मर्म समझाते हैं, और आंखों से लुढ़क जाता है, आत्म-जलबिंदु। अद्भुत, अद्वितीय, अकल्पनीय ! उसे दोबारा नहीं रचा जा सकता। वह समस्त अभिनय करने वालों के लिए विश्वविद्यालय है।

 'Life of pi' में आपके अभिनय की तारीफ़ विश्वभर में हुई। जीवन का सार तो आपने ली के इस फ़िल्म में ही बता दिया था। आपकी जिंदादिली जो आपने हासिल की, यक़ीनन वह हमें ता-उम्र मकबूल रहेगी।

यह रहस्य ही है कि जब प्रिय इरफ़ान आप पर लिखने के लिए मैंने अपना नोटपैड( कीपनोट्स) खोला तो देखकर मेरी आंखें खुली की खुली रह गई, मेरा सारा लेख जो कुछ महीने पहले डिलीट हो चुका था, वह पुनः वापस आ गया। एक अबूझ रहस्य का आश्चर्य मुझमें उमड़ पड़ा! जीवन सातत्य है, यह इसका जीवंत प्रमाण है।

लिखना तो बहुत चाहता हूं, किंतु आंखें सजल हो जा रहीं हैं, ऊंगलियां कांप रही है। अथाह प्यार प्रिय अभिनेता ❤️ आप सदैव आत्मा में अवलिप्त रहेंगे। 

        लेखक

◾अभिषेक भारत

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जेड हुसैन (बाबू)

जेड हुसैन (बाबू)



मैनेजिंग डायरेक्टर

इंडियन आई विटनेस (+91 9670135830)