जौनपुर। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहनों के बीच प्रेम का बंधन माना जाता है। पूरे जिले में 9 अगस्त को बहनें भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर तिलक लगाया। हिंदी फ़िल्मों में रक्षाबंधन को लेकर भावुक और प्यारे गीत फ़िल्माए गए हैं। इन गीतों से रक्षाबंधन के पर्व की तैयारी और मनमोहक तथा सुहावनी हो जाती है। आइए हम आपको रक्षाबंधन के सदाबहार गीतों से रूबरू करा रहे हैं।
बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है
1974 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'रेशम की डोरी' में भाई धर्मेंद्र की कलाई में राखी बांधते बहन ने यह बेहतरीन नग़मा गाया है। शैलेंद्र की कलम से निकले इस गीत को शंकर-जयकिशन ने अपने संगीत से सजाया और सुमन कल्याणपुर ने अपनी आवाज़ देकर इस गीत को अमर बना दिया। गीत में धर्मेंद्र बहन के साथ बहुत भावुक नज़र आ रहे हैं।
कुछ पंक्तियां तो बेहद भावुक अंदाज में रक्षाबंधन पर्व के महत्व को समझाती हैं। बहन अपने भाई से कहती है कि रेशम की एक डोर से पूरे संसार को बांध दिया है। इस गाने में बहन भाई से कहती है कि परिस्थितयां भले ही उन्हें दूर कर दे लेकिन मन से वे कभी दूर नहीं हो सकते। बहन अपने भैया की तुलना करते हुए कहती है कि उसके जैसा इस संसार में दूसरा कोई नहीं है। राखी के इस सदाबहार गाने के बोल हैं-
बहना ने भाई की कलाई से
बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है
प्यार के दो तार से, संसार बांधा है
रेशम की डोरी से...
रेशम की डोरी से संसार बांधा है।
वही जिला कारागार में भी बहने जेल के अन्दर जाकर अपने भाइयों को राखी बांधकर मिठाई खिलाकर उनके लिए लंबी उम्र की कामना की। जिला जेल में सुबह से ही भारी संख्या में बहने राखी लेकर अपनी बारी का इंतजार करती देखी गई। पूरे जिले में रक्षा बंधन का पर्व उल्लाह के साथ मनाया गया।