👉रामनगर भड़सरा में श्रीमद्भागवत कथा
जौनपुर। रामनगर भड़सरा में संजय मिश्र के आवास पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पं. उमानाथ महाराज ने भगवान कृष्ण की रासलीला का मनमोहक चित्रण किया। उन्होंने कहाकि शरद ऋतु की पूर्णिमा थी। आधी रात को जब श्रीकृष्ण ने बंशी बजायी तो उसकी धुन सुनकर गोपियां भाव विहृवल हो गयी। वे अपने आपको रोक न सकी। अपने-अपने पतियों को छोड़कर वृंदावन की ओर भाग चली। कोई गोपी श्रृंगार कर रही थी तो बंशी धुन सुनकर इतनी बेसुध हो गयी कि एक आंख में काजल लगा ही पायी थी कि दूसरी आंख में काजल लगाना भूलकर घर से बाहर निकल पड़ी। कोई गोपी अपने शिशु को स्तनपान करा रही थी तो वह शिशु को वहीं छोड़कर भाग चली। सभी गोपियां जब कृष्ण के पास पहुंची तो उन्होंने उनसे पूछा कि आप सभी अपने-अपने पतिदेवों को छोड़कर यहां कैसे आ गयी। गोपियों ने अपने तर्कों से कृष्ण को निरूत्तर कर दिया। इसके पश्चात जितनी गोपियां थी उतनी ही संख्या में श्याम हो गये। सभी एक दूसरे के गले में बांह डालकर नृत्य के आनंद में डूब गये। महारास का दृश्य देखने भगवान शिव वहां नारी के वेश में पहुंच गये थे। कथा व्यास के भक्ति गीतों की धुन पर श्रद्धालु नांच उठते थे। उक्त अवसर पर हिमांशु मिश्रा, आरती, हेमा, प्रिंसी, रागिनी, डा. कंचन तिवारी आदि उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन राजीव मिश्र ने किया।